October 6, 2017

मेरे दोस्त,मेरे रुममेट, मेरे भाई।। A story Inspired by a true incident।।


This Video is based on a true incident. A letter from a roommate for his roommate who is not in the world. Hope you like this video.

धार्मिक भावनाएं

मेरी भावनाएं (धार्मिक भावनाएं) किसी के भी कुछ भी कहने पर कभी आहत नहीं होती. क्योंकि मुझे मालूम है कि किसी इंसान के द्वारा भगवान को कहे गये अपशब्दो का भगवान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. भगवान भगवान होते हैं. प्रायः ऐसा देखा गया है कि अगर कोई इंसान किसी दूसरे इंसान को अपशब्द कहता है तो इसका ज्यादा प्रभाव कहने वाले पर ही पड़ता है. उसके द्वारा कहे गये अपशब्द कई बार उसी पर उलटे पड़ जाते हैं. ऐसे में अगर कोई भगवान को कुछ कहता है तो यह उसके खुद के ही कर्मो में जुड़ जाता है. भगवान तो पहले भी ऐसे ही थे और बाद में भी ऐसे ही होते हैं.
जो जैसा बोलता है, जैसा करता है उसके खुद के साथ भी वैसा ही होता है. हर गुनाह का दण्ड़ और हर कर्म का फल उसके वजूद में आने के साथ ही निर्धारित हो जाता है … ।