August 28, 2015

टूट जाने दे आज फिर कुछ मेरे अंदर .......



टूट जाने दे आज फिर 
कुछ मेरे अंदर 
कुछ टूटेगा 
तभी तो कुछ 
जुड़ पायेगा 
   सफ़ेद कोरे पन्नो पर .....
वरना जिस तरह 
भर गया है एक खालीपन 
अंदर मेरे 
उसी तरह 
ये पन्ने भी 
खाली ही न रह जाये कहीं 
टूट जाने दे आज फिर 
कुछ मेरे अंदर  …!!

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